Contributor
The primary editor for all the books.
हठयोग प्रदीपिका हठयोग से सम्बन्धित संस्कृत ग्रन्थ है। इसकी रचना गुरू गोरखनाथ के शिष्य स्वामी स्वात्माराम ने की थी।

मनुस्मृती हे धर्मशास्त्र आहे. वर्णधर्म, आश्रमधर्म, वर्णाश्रमधर्म, राजधर्म, व्यवहारनिर्णय, स्त्रीधर्म व पुरूषधर्म यांच्या या स्मृतीमध्ये व्याख्या सांगून त्यांची निष्कृती कोणत्या उपायांनी करावी हे सुचविले आहे.

हठयोगप्रदीपिका हठयोग से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रन्थ है। यह संस्कृत में है और इसके रचयिता गुरु गोरखनाथ के शिष्य स्वामी स्वात्माराम थे। हठयोग के प्राप्त ग्रन्थों में यह सर्वाधिक प्रभावशाली ग्रन्थ है। हठयोग के दो अन्य प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं - घेरण्ड संहिता तथा शिव संहिता। इस ग्रन्थ की रचना १५वीं शताब्दी में हुई। इस ग्रन्थ की कई पाण्डुलिपियाँ प्राप्त हैं जिनमें इस ग्रन्थ के कई अलग-अलग नाम मिलते हैं। वियना विश्वविद्यालय के ए सी वुलनर पाण्डुलिपि परियोजना के डेटाबेस के अनुसार इस ग्रंथ के निम्नलिखित नाम प्राप्त होते हैं |

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।

भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।

विष्णुपुराण भगवान विष्णु की कथा तथा महिमा सुनती है। इसके पठान से सरे दोष निवारण होते है।

विष्णूपुराण भगवान विष्णु की स्तुति बताते है ! इसके पठान से सरे दोष दूर हो जाते है।

भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है, वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में ज...

`नारदपुराण ’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।

श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
