श्री गणेश प्रताप
सर्व कीर्तीने युक्त, सर्व देवाधिदेवांमध्ये श्रेष्ठ अशा अत्यंत प्रिय असलेल्या श्रीगजाननाच्या स्तुतीपर हा ग्रंथ आहे.
- प्रस्तावना
- अध्याय १
- अध्याय २
- अध्याय ३
- अध्याय ४
- अध्याय ५
- अध्याय ६
- अध्याय ७
- अध्याय ८
- अध्याय ९
- अध्याय १०
- अध्याय ११
- अध्याय १२
- अध्याय १३
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- अध्याय १७
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- अध्याय १९
- अध्याय २०
- अध्याय २१
- अध्याय २२
- क्रीडाखंड अध्याय ४
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- क्रीडाखंड अध्याय ६
- क्रीडाखंड अध्याय ७
- क्रीडाखंड अध्याय ८
- क्रीडाखंड अध्याय ९
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- क्रीडाखंड अध्याय २०
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- क्रीडाखंड अध्याय ३३
- क्रीडाखंड अध्याय ३४
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