श्रीगणेश पूजन विधि
भगवान गणेश की गणेश-चतुर्थी के दिन सोलह उपचारों से वैदिक मन्त्रों के जापों के साथ पूजा की जाती है। भगवान की सोलह उपचारों से की जाने वाली पूजा को षोडशोपचार पूजा कहते हैं। गणेश-चतुर्थी की पूजा को विनायक-चतुर्थी पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
- पूजन सामग्री
- प्रस्तावना
- गणेश पूजा का सकंल्प
- आवाहन
- प्रतिष्ठापन
- आसन समर्पण
- पाद्य समर्पण
- अर्घ्य समर्पण
- आचमन
- स्नान मन्त्र
- वस्त्र समर्पण व उत्तरीय समर्पण
- यज्ञोपवीत समर्पण,गन्ध, अक्षत
- पुष्प माला, शमी पत्र, दुर्वाङ्कुर, सिन्दूर
- धूप, दीप समर्पण
- नैवेद्य एवं करोद्वर्तन
- ताम्बूल, नारिकेल एवं दक्षिणा समर्पण
- नीराजन एवं विसर्जन
- पूजन सामग्री
- प्रस्तावना
- गणेश पूजा का सकंल्प
- आवाहन
- प्रतिष्ठापन
- आसन समर्पण
- पाद्य समर्पण
- अर्घ्य समर्पण
- आचमन
- स्नान मन्त्र
- वस्त्र समर्पण व उत्तरीय समर्पण
- यज्ञोपवीत समर्पण,गन्ध, अक्षत
- पुष्प माला, शमी पत्र, दुर्वाङ्कुर, सिन्दूर
- धूप, दीप समर्पण
- नैवेद्य एवं करोद्वर्तन
- ताम्बूल, नारिकेल एवं दक्षिणा समर्पण
- नीराजन एवं विसर्जन