अव त्वं माम् || अव वक्तारम् || अव श्रोतारम् || अव दातारम् || अव धातारम् || अवानूचानमव शिष्यम् || अव पश्चात्तात् || अव पुरस्तात् || अवोत्तरात्तात् || अव दक्षिणात्तात् || अव चोर्ध्वात्तात् || अवाधरात्तात् || सर्वतो मां पाही पाहि समंतात् ||३||
==गणपतीचे आध्यात्मिक स्वरूप==
त्वं वाङ्मयस्त्वं चिन्मय: || त्वमानंदमयस्त्वं ब्रह्ममय: || त्वं ( त्वौं ) सच्चिदानंदाद्वितीयोऽसि | त्वं ( त्वौं ) प्रत्यक्षं ब्रह्मासि | त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि ||४||