श्री साईं बाबा आरती

साईं का विशेष वार है गुरूवार है | गुरूवार को पूर्ण विधि विधान से आरती की जानी चाहिए |


मेरे साई शिर्डी वाले

देखी जो नब्ज़ मेरी ,तो हँस कर बोला हक़ीम ।
जा दीदार कर अपने साईं का ,जो तेरे हर मर्ज की दवा है।

जपे सब नाम ईश्वर का चलन ऐसी चला दो तुम !
काम मद लोभ को त्यागो जीवन सत्संग बना लो तुम !

तेरी चौखट से पहले कमजोर होता हुँ ,
तेरी चौखट छुने के बाद कुछ और होता हुँ ,

मुझ को कर लो क़ैद अपने इश्क में साई !!
यह जान तुम पे लुटाने की इजाज़त दे दो !!

नहीं है शौक मुझे भूलने का मगर !!
मुझे यह दुनिया भूलने की इजाज़त दे दो !!
मेरे साई मुझे अपना बनाने की इजाजत दे दो !!

सब कुछ बदल गया है उस के आने से
हिम्मत आ गई उस के समझाने से
फसा मै जब भी उस ने संभाला है
मिले न उस जैसा , वो सब से निराला है

जब जब दिल यह उदास होता है
मेरा साईं मेरे पास होता है
सब कुछ मिला है हमको ~
फिर भी सबर नहीं है ~
बरसों की सोचते हैं ~और ..
पल भर की खबर नहीं है ~~
ओ मेरे बाबा ओ मेरे साईं..
कृपा करो ~मेहर करो ~
अपनी रहम नज़र रखो ~
सबर और संतोष दो.!!
जैसे दूध में चावल मिलने से खीर बनती है..
वैसे साई के चरणो में झुकने से तक़दीर बनती है...

बाबा.....
पहले आसूँ आते थे और तुम याद आते थे
आज बाबा तुम याद आते हो और आसूँ खुद निकल आते है..

तेरी रहमत ने दी जो मोहब्बत मुझे ,
अब किसी भी मोहब्बत की परवाह नहीं ,
तुम मिले तो मिली ऐसी जन्नत मुझे ,
अब किसी और जन्नत की परवाह नहीं ...

झुलस रहें है गम की धुप में, प्यार की छईया कर दे तू
बिन माझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तू

मेरा रास्ता रौशन कर दे, छायी अन्धयारी रात
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ
मेरे सर पर रख साई अपने दोनों यह हाथ ॥

नहीं सजदे किये कभी..हमने गेरो की चोखट पर
हमें जरुरत हुयी जिसकी अपने साईं से मांग लिया...

अंत समय जब आये मेरा , साँसों में तेरा नाम हो।
छवि हो आँखों में तेरी, मन तेरे चरणों के पास हो।।

जीवन भर तो निभाया है, बस इतनी और निभा देना।
क्षमा कर सब पाप मेरे, तू अपने धाम बुला लेना।

चाकर राख ले साईंया तेरो बहुत बडो दरबार
बहुत बडो दरबार तेरो बहुत बडो दरबार..

साईं की आँखों से काम लेते हैं,
साईं के दामन को थाम लेते है |
दूर होती हैं सारी मुश्किलें,
जब साईं बाबा का दिल से नाम लेते हैं |

एक ये आस ही काफी है मेरे जीने में ,
दिल नहीं साईं आप धड़कते है सीने में...

अपने दर पे जब बुला लिया मेरे साईं नाथ ने
फिर वो सारा गम भुला दिया साईं नाथ ने..

दुःख के अँधेरे में उजाला साईं नाम का,
विपदा में सहारा बस एक साईं नाम का,
मिला ये जीवन जिसकी कृपा से,
उसका सिमरन न किया तो ये जीवन किस काम का..

कोई नहीं था दुनिया में अपना,
साई से मिलना लगता है सपना।
साई ने हमको जो पुकारा ना होता,
तो दुनिया में कोई हमारा ना होता...

साई बाबा सुबह-सुबह जब आँख खुले
आपका ही दीदार मिले,
सारा दिन आपको अर्पन हो
ऐसा सदव्यवहार मिले..

जो शिर्डी जाता है
वो साई तेरा ही हो जाता है
उसे याद न कोई आता है
वो तेरे ही गुण गाता है ..

हे साई,
सबकी ख़ुशी में हो ख़ुशी मेरी ऐसा मेरा नज़रिया कर दे,
सबके चेहरों पे मुस्कराहट ला सकूँ मुझे तूऐसा ज़रिया कर दे !

चलेंगे यहाँ से तेरे काम करके
कभी ना रहेंगे अंधेरों से डर के |
अगर साथ हो साईं बाबा का दीपक
किसी रोशनी की ज़रूरत नहीं है ॥

माना कि तेरे दीदार के काबिल नहीं मैं
तू मेरा शौक देख मेरा इन्तज़ार देख साईं..

क्या लेकर आये थे और क्या लेकर जाओगे~
न आज का भरोसा न कल का है कुछ पता~
बस वक्त की माया है और नसीब का खेला~
साथ रह जायेगा सिर्फ एक ही नाम
ॐ साईं राम"...ॐ साईं राम"...ॐ साईं राम"

भक्तो के दुःख हरने वाले..सब पे रहमत करने वाले..
साई तू ही जीवन मेरा...तुमही सब का मंगल करने वाले...
तुम से ही जीवन की जोत जले..तुम ही रक्षा करने वाले...
मुझे चरणों से लगा ले, मेरे साई शिर्डी वाले !
मेरी सांस सांस में तेरा है नाम शिर्डी वाले !