भजन

भजन


हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम

हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम ।
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥

दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये ।
पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए ॥

पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल ।
ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल ॥

जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम ।
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥