मंत्र संग्रह
हिन्दू श्रुति ग्रंथों की कविता को पारंपरिक रूप से मंत्र कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ विचार या चिन्तन होता है। मन्त्र भी एक प्रकार की वाणी है, परन्तु साधारण वाक्यों के समान वे हमको बन्धन में नहीं डालते, बल्कि बन्धन से मुक्त करते हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिये जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं।
- हनुमान दर्शन हेतु मंत्र
- सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र
- केतु मन्त्र
- राहू मन्त्र
- शनि मन्त्र
- शुक्र मन्त्र
- बृहस्पति मन्त्र
- बुध मन्त्र
- मंगल मन्त्र
- चन्द्र मन्त्र
- सूर्य मन्त्र
- श्री काली स्तुति
- गायत्री मन्त्र
- नवग्रह मन्त्र
- हनुमान दर्शन हेतु मंत्र
- सिद्धि के लिए श्री गणेश मंत्र
- केतु मन्त्र
- राहू मन्त्र
- शनि मन्त्र
- शुक्र मन्त्र
- बृहस्पति मन्त्र
- बुध मन्त्र
- मंगल मन्त्र
- चन्द्र मन्त्र
- सूर्य मन्त्र
- श्री काली स्तुति
- गायत्री मन्त्र
- नवग्रह मन्त्र