
संकलित
Updated: 15 April 2021 07:30 IST
भजन : हमको मनकी शक्ति देना
भजन
हे जगत्राता विश्वविधाता जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें ।
दूसरों की जय से पहले, खुद की जय करें ।
हमको मन की शक्ति देना ॥
भेदभाव अपने दिल से, साफ कर सकें ।
दूसरों से भूल हो तो, माफ कर सकें ।
झूठ से बचे रहें, सचका दम भरें ।
दूसरों की जयसे पहले,
मुश्किलें पडें तो हम पे, इतना कर्म कर ।
साथ दें तो धर्म का, चलें तो धर्म पर ।
खुद पे हौसला रहे, सच का दम भरें ।
दूसरों की जय से पहले, खुद की जय करें ।
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