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Updated: 15 April 2021 07:30 IST
भजन : प्रभु हम पे कृपा करना
भजन
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम
प्रभु हम पे कृपा करना प्रभु हम पे दया करना ।
वैकुण्ठ तो यहीं है इसमें ही रहा करना ॥
हम मोर बन के मोहन नाचा करेंगे वन में ।
तुम श्याम घटा बनकर उस बन में उड़ा करना ॥
होकर के हम पपीहा पी पी रटा करेंगे ।
तुम स्वाति बूंद बनकर प्यासे पे दया करना ॥
हम राधेश्याम जग में तुमको ही निहारेंगे ।
तुम दिव्य ज्योति बन कर नैनों में बसा करना ॥
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