श्लोक

श्लोक


या कुन्देंदु तुषारहार

या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रव्रिता |

या वीणा वरा दंडमंडित करा या श्वेत पद्मासना ||


या ब्रह्मच्युत शंकरा प्रभुतिभी देवी सदा वन्दिता |

सामा पातु सरस्वती भगवती निशेश्य जाड्या पहा ||