पहला भाग: अन्तरंग भाग
स्वामी सहजानन्द सरस्वती लिखित भगवद गीता का हिंदी में सार
- गीता-सप्तश्लोकी
- प्रारंभिक शब्द
- कर्तव्याकर्तव्य के प्रश्न
- अध्यात्मवाद और भौतिकवाद
- गीता का समन्वय
- श्रद्धा, दिल और दिमाग
- कर्म के भेद
- यज्ञार्थ कर्म
- ईश्वरार्पण और मदर्थ कर्म
- कर्तव्य कर्म
- स्वभाव के प्रभाव
- महात्मा और दुरात्मा
- संन्यास और लोकसंग्रह
- आरुरुक्ष और आरूढ़
- पूजा के भेद
- गीता का योग
- संन्यास और त्याग
- आत्मा का स्वरूप
- सांख्य और योग में अंतर
- व्यवसायात्मक बुद्धि
- गीता-सप्तश्लोकी
- प्रारंभिक शब्द
- कर्तव्याकर्तव्य के प्रश्न
- अध्यात्मवाद और भौतिकवाद
- गीता का समन्वय
- श्रद्धा, दिल और दिमाग
- कर्म के भेद
- यज्ञार्थ कर्म
- ईश्वरार्पण और मदर्थ कर्म
- कर्तव्य कर्म
- स्वभाव के प्रभाव
- महात्मा और दुरात्मा
- संन्यास और लोकसंग्रह
- आरुरुक्ष और आरूढ़
- पूजा के भेद
- गीता का योग
- संन्यास और त्याग
- आत्मा का स्वरूप
- सांख्य और योग में अंतर
- व्यवसायात्मक बुद्धि